Monday 31 January 2011

|| श्री नर्मदाष्टकम ||

सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितम

द्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतम

कृतान्त दूत काल भुत भीति हारि वर्मदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


त्वदम्बु लीन दीन मीन दिव्य सम्प्रदायकम
कलौ मलौघ भारहारि सर्वतीर्थ नायकं
सुमस्त्य कच्छ नक्र चक्र चक्रवाक् शर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||

महागभिर नीर पुर पापधुत भूतलं

ध्वनत समस्त पातकारि दरितापदाचलम

जगल्ल्ये महाभये मृकुंडूसूनु हर्म्यदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


गतं तदैव में भयं त्वदम्बु वीक्षितम यदा

मृकुंडूसूनु शौनका सुरारी सेवी सर्वदा

पुनर्भवाब्धि जन्मजं भवाब्धि दुःख वर्मदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


अलक्ष लक्ष लक्ष किन्न रामरासुरादी पूजितं

सुलक्ष नीर तीर धीर पक्षीलक्ष कुजितम

वशिष्ठशिष्ट पिप्पलाद कर्दमादि शर्मदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


सनत्कुमार नाचिकेत कश्यपात्रि षटपदै

धृतम स्वकीय मानषेशु नारदादि षटपदै:

रविन्दु रन्ति देवदेव राजकर्म शर्मदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


अलक्षलक्ष लक्षपाप लक्ष सार सायुधं

ततस्तु जीवजंतु तंतु भुक्तिमुक्ति दायकं

विरन्ची विष्णु शंकरं स्वकीयधाम वर्मदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


अहोमृतम श्रुवन श्रुतम महेषकेश जातटे

किरात सूत वाड़वेषु पण्डिते शठे नटे

दुरंत पाप ताप हारि सर्वजंतु शर्मदे

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ||||


इदन्तु नर्मदाष्टकम त्रिकलामेव ये सदा

पठन्ति ते निरंतरम न यान्ति दुर्गतिम

कदा सुलभ्य देव दुर्लभं महेशधाम गौरवम

पुनर्भवा नरा न वै त्रिलोकयंती रौरवम


त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे

नमामि देवी नर्मदे, नमामि देवी नर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे

माँ रेवा की जय ! माँ नर्मदा जी जय !


Tuesday 21 December 2010

शीघ्र ही ज्योतिष से संबधित जानकारी उपलब्ध कराइ जावेगी
धन्यवाद